ये मस्त है : : : :

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अदालत में एक मुकदमे की सुनवाई चल
रही थी
दादी मां की गवाही
होनी थी।
याददाश्त ठीक है या नहीं, यह परखने के
लिए
बचाव पक्ष के वकील ने पूछा- “अम्मा, क्या आप
मुझे जानती हैं?”
दादी-“जानती हूं ? … एक नंबर का चोर
और
कमीना है तू … बचपन में दूसरों के घर से
चीज़ें चुरा
कर भाग जाता था… स्कूल जाने के नाम पर रोता
था… ये तो बता तू वकील कैसे बन गया रे?”
वकील सकपका गया और बात बदलने के लिऐ
सामने खड़े अभियोजन पक्ष के वकील की
ओर
इशारा करते हुए बोला -“अच्छा अम्मा जी, आप
इनको जानती हैं क्या?”
दादी-“इसको? अरे इसके तो मैं पूरे खानदान को
जानती हूं … जब ये छोटा था तब इसका
शराबी बाप
नशे में धुत होकर मेरे घर के सामने वाली
नाली मे
पड़ा रहता था और इसकी मां झाड़ू से
पीटती रहती
थी, ये खुद अव्वल नंबर का छिछोरा था और कोई
भी इसे अपने घर में घुसने नहीं देता
था”….
जज साहब चिल्लाए– “ऑर्डर … ऑर्डर!”
.
.
फिर दोनों वकीलों को इशारे से अपने पास बुलाकर धमकाते
हुए फुसफुसाए –

“कमीनो, अगर तुम लोगों ने इस बुढ़िया से
मेरे बारे में कुछ भी पूछा तो तुम्हें अभी
सीधा जेल
भिजवा दूंगा….!!
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